धनबाद में अवैध कोयला खनन के दौरान बड़ा हादसा
धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में मंगलवार की रात एक भयावह हादसे में नौ मजदूरों की जान चली गई। यह हादसा बाघमारा थाना क्षेत्र के ब्लॉक-2 अंतर्गत जमुनिया नदी किनारे स्थित अवैध कोयला खदान में हुआ, जहां कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से मजदूर मलबे में दब गए।
अवैध खनन में लगे मजदूर हुए शिकार
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध खदान में कुल 15 मजदूर काम कर रहे थे। खदान के भीतर पीलर कमजोर पड़ने के कारण अचानक कोयले की बड़ी चट्टानें गिरने लगीं, जिससे मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बताया गया है कि ये मजदूर टुंडी क्षेत्र से आए थे और लंबे समय से इस अवैध खनन में लगे थे।
जमुनिया नदी के किनारे हुआ हादसा
यह खदान धनबाद और बोकारो जिले की सीमा पर स्थित जमुनिया नदी के पास संचालित हो रही थी। अवैध खनन की गतिविधियां इस क्षेत्र में कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन इस बार हादसा इतना बड़ा था कि स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश व्याप्त है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस हादसे के बाद झारखंड के वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,
“बाघमारा, धनबाद के जमुनिया नामक स्थान पर अवैध खनन की चाल धंसने से आज रात 9 मज़दूरों की मौत हो गई है। अवैध खनन माफिया मृतकों का शव निपटाने में लगे हैं। इसकी सूचना मैंने एसएसपी धनबाद को दे दी है।”
सरयू राय ने यह भी आरोप लगाया कि इस अवैध खनन को चुनचुन नामक खनन माफिया द्वारा शक्तिशाली राजनीतिक संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा था। उन्होंने प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए।
खनन माफियाओं की भूमिका पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह अवैध खनन लंबे समय से जारी था और कई बार इसकी सूचना प्रशासन को भी दी गई थी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। अवैध खनन माफियाओं की पकड़ इस क्षेत्र में काफी मजबूत मानी जाती है।
प्रशासनिक चुप्पी और जांच की मांग
हादसे के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य देर से शुरू हुआ। मृतकों के परिजनों ने मुआवजे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
धनबाद में बढ़ता अवैध कोयला खनन: चिंता का विषय
धनबाद को “भारत की कोयला राजधानी” कहा जाता है, लेकिन यहां अवैध कोयला खनन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इन गतिविधियों में न तो सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है और न ही श्रमिकों के लिए कोई सुरक्षा प्रबंध होते हैं, जिससे ऐसी जानलेवा घटनाएं आम होती जा रही हैं।
सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए कोई ठोस रणनीति अब तक नहीं अपनाई गई है। इससे पहले भी धनबाद और आस-पास के क्षेत्रों में कई बार चाल धंसने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती रही है।