चतरा: झारखंड के चतरा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने फर्जी तरीके से सरकारी सुरक्षा लेने वाले व्यक्ति को न केवल एस्कॉर्ट उपलब्ध कराया बल्कि उसे शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी कर दिया। बाद में जब उसकी असली पहचान उजागर हुई तो पुलिस हरकत में आई, लेकिन तब तक आरोपी कार्यक्रम स्थल से फरार हो चुका था।
कार्यक्रम में शामिल हुआ फर्जी पहचान बनाने वाला गजराज सिंह
मामला प्रतापपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, 29 अगस्त को दिल्ली के खानपुर निवासी गजराज सिंह गुर्जर चतरा जिले के प्रतापपुर में आयोजित बजरंग वाहिनी दल के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा। उसने खुद को प्रतिष्ठित सामाजिक संगठन से जुड़ा हुआ बताया और स्थानीय प्रशासन ने बिना सत्यापन के उसे सरकारी सुरक्षा और पुलिस एस्कॉर्ट उपलब्ध करा दिया।
कार्यक्रम के दौरान थाना प्रभारी समेत पुलिसकर्मी उसके साथ मंच पर मौजूद दिखे। इसी बीच, उसे शॉल ओढ़ाकर सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया गया।
कई राज्यों में धोखाधड़ी कर चुका है आरोपी
बाद में जिला प्रशासन को सूचना मिली कि गजराज सिंह एक शातिर ठग है। वह पहले भी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में फर्जी ईमेल और दस्तावेजों के आधार पर सरकारी सुरक्षा और वीवीआईपी सुविधाएं ले चुका है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह पपला गुर्जर गैंग से भी जुड़ा हुआ है और इस तरह के मामलों में पहले जेल की हवा भी खा चुका है।
पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही भाग निकला आरोपी
जैसे ही प्रतापपुर पुलिस को उच्चाधिकारियों से सूचना मिली कि कार्यक्रम में मौजूद गजराज सिंह की असली पहचान एक अपराधी की है, तुरंत डीएसपी के नेतृत्व में टीम को वहां भेजा गया। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी को भनक लग गई और वह कार्यक्रम छोड़कर इमामगंज के रास्ते बिहार की ओर फरार हो गया।
2020 में राजस्थान पुलिस ने किया था गिरफ्तार
रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि 17 जुलाई 2020 को राजस्थान के भरतपुर जिले की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। मात्र 8वीं पास गजराज सिंह वर्ष 2015 से लगातार सरकारी अधिकारियों को फर्जी मेल भेजकर पुलिस सुरक्षा और वीआईपी सुविधाएं हासिल करता रहा है।
वह कभी खुद को युवा हिंदू परिषद का पदाधिकारी बताता था तो कभी भारत सरकार की सलाहकार समिति का सदस्य, और उन्हीं नामों पर बने फर्जी लेटरहेड के जरिए शीर्ष अधिकारियों से सुरक्षा और अन्य सुविधाएं हासिल करता रहा।
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