रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की सीआईडी (CID) की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पिछले एक साल में हुई सभी गतिविधियों की सार्वजनिक जांच कराई जाए, ताकि भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों की सच्चाई उजागर हो सके।
सीआईडी पर भ्रष्टाचार और रंगदारी के आरोप
मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि बीते वर्ष में सीआईडी पर कई बार रंगदारी, भ्रष्टाचार और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार इन मामलों पर ठोस कार्रवाई करने से बच रही है।
कफ सिरप जब्ती मामले में कार्रवाई पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने धनबाद के बरवाअड्डा में पिछले साल जब्त किए गए प्रतिबंधित कफ सिरप का जिक्र करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है। गुजरात पुलिस की सूचना पर की गई इस कार्रवाई के बाद सीआईडी ने केस अपने हाथ में लिया, लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। मरांडी ने सवाल उठाया कि जब यह कफ सिरप युवाओं में नशे के रूप में इस्तेमाल हो रहा था, तो इस पर सख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए।
एसीबी और सीआईडी की जांच पर भी उठाए सवाल
मरांडी ने कहा कि एसीबी (ACB) समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं करती और सीआईडी की जांच भी अक्सर संदिग्ध नजर आती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक, नशे का कारोबार, जमीन घोटाला और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में सीआईडी की भूमिका पारदर्शी नहीं रही है। यही कारण है कि जनता और न्यायालय दोनों ही एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधे तौर पर घेरते हुए कहा कि गृह मंत्रालय भी उनके पास है, लेकिन भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों की जांच पर सरकार गंभीर नहीं दिख रही। उन्होंने कहा कि आम जनता के हित में सीआईडी की गतिविधियों की सार्वजनिक जांच होना आवश्यक है।