नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) भविष्य में ‘एक देश-एक चुनाव’ की योजना को लागू कर सकती है।
इस संकेत को हाल ही में गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने अपने बयान में दिया।
इसके साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना और मणिपुर के हालात से जुड़े सवालों का भी उत्तर दिया।
‘एक देश-एक चुनाव’ का एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान ‘एक देश-एक चुनाव’ की योजना को लागू करने की स्पष्ट रूप से बात कही थी।
यह विचार भाजपा के मेनिफेस्टो में भी शामिल था। हाल ही में मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनावी वादों का जिक्र करते हुए इस विषय पर अपने विचार साझा किए।
बार-बार चुनाव से देश की प्रगति पर असर
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उनका मानना है कि बार-बार चुनाव कराने से देश की प्रगति बाधित हो रही है।
‘एक देश-एक चुनाव’ के तहत एक ही समय पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की बात कही जा रही है, जिससे देश के संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और चुनावी प्रक्रिया की जटिलता कम हो।
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट
मार्च 2024 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना को लागू करना आसान नहीं है।
इसके लिए संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता होगी, जो एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है।
जातीय जनगणना पर अमित शाह का बयान
कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में प्रस्तावित जनगणना को स्थगित करना पड़ा था।
इस पर सवाल उठने पर अमित शाह ने कहा कि जनगणना के लिए तैयारी चल रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 2027 तक जनगणना कराने की योजना है और इसके बाद जातीय जनगणना से संबंधित जानकारियां साझा की जाएंगी।
मणिपुर के हालात पर चर्चा
मणिपुर के हालात को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत चल रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में किसी बड़ी हिंसा की घटना नहीं हुई है, हालांकि हाल के तीन दिनों में कुछ घटनाएं सामने आई हैं।
इसके बावजूद सरकार शांति बहाल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
अमित शाह के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि ‘एक देश-एक चुनाव’ और जातीय जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर भाजपा की सरकार गंभीरता से काम कर रही है।
मणिपुर के मसले पर भी सरकार सक्रिय रूप से शांति स्थापना के प्रयासों में जुटी हुई है, जिससे स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।