रांची: एशियन डेवलपमेंट बैंक इंस्टीट्यूट (ADBI) ने झारखंड कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी डॉ. मनीष रंजन की केस स्टडी “पलाश” को अपने अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया है। इस केस स्टडी को अब दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और प्रबंधन संस्थानों के लिए उपलब्ध कराया गया है।
पलाश केस स्टडी का उद्देश्य और महत्व
ADBI Case Study on Palash को “ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने के लिए बाजार बनाकर कमोडिटी से ब्रांड तक” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इसमें झारखंड की ग्रामीण महिलाओं की आजीविका सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को केंद्र में रखा गया है।
यह केस स्टडी झारखंड सरकार की पहल “पलाश” पर आधारित है, जिसके माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को ब्रांडिंग, गुणवत्ता नियंत्रण और संगठित बाजार से जोड़कर बड़े स्तर पर पहचान दिलाई जा रही है।
प्रबंधन शिक्षा में शामिल होगी “पलाश”
ADBI ने इस केस स्टडी को मैनेजमेंट कोर्सेज में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य छात्रों को यह समझाना है कि कैसे ग्राम्य उद्यमिता, मूल्य निर्धारण, वितरण लागत, संगठन संरचना और ब्रांड बिल्डिंग जैसे विषयों को व्यवहारिक रूप से लागू किया जा सकता है।
एमबीए और पब्लिक पॉलिसी के छात्रों को इस केस स्टडी से नेतृत्व, नैतिक दुविधाओं और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।
झारखंड को मिली वैश्विक पहचान
IAS डॉ. मनीष रंजन की इस उपलब्धि को झारखंड के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान माना जा रहा है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी द्वारा लिखित केस स्टडी को ADBI ने वैश्विक स्तर पर प्रकाशित किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि “पलाश” न केवल ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल है बल्कि इसे वैश्विक विकास मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल का उल्लेख
केस स्टडी में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विज़न और ग्रामीण महिलाओं के लिए उनके सतत प्रयासों का भी जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे राज्य सरकार के दीर्घकालिक संकल्प और योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण आजीविका मिशन को मजबूत आधार मिला और “पलाश” जैसी पहल को सफलता मिली।