रांची/हजारीबाग : झारखंड के चर्चित हजारीबाग भूमि घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी विनोद चंद्र झा को गिरफ्तार कर लिया है। वह रांची के धुर्वा स्थित साईं सिटी में रह रहे थे। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने उन्हें हजारीबाग जेल भेज दिया।
हजारीबाग भूमि घोटाला और आईएएस अधिकारियों की संलिप्तता
इस घोटाले की जड़ें करीब 18 साल पुरानी बताई जाती हैं। उस समय विनोद चंद्र झा समाज कल्याण पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे। वहीं, तत्कालीन हजारीबाग उपायुक्त (डीसी) के रूप में आईएएस विनय चौबे पदस्थापित थे।
आरोप है कि इसी अवधि में खासमहल जमीन से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया, जिसमें सरकारी जमीन की अनियमित ढंग से आवंटन और फर्जीवाड़े का आरोप है।
आईएएस विनय चौबे पहले ही जेल में
इस मामले में एसीबी ने पहले ही आईएएस अधिकारी विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में रांची जेल में बंद हैं। शराब घोटाले में जमानत मिलने के बाद एसीबी ने उन्हें इसी भूमि घोटाले में रिमांड पर लिया था। इसी बीच अब विनोद चंद्र झा की गिरफ्तारी से मामला और गंभीर हो गया है।
एसीबी की जांच और एफआईआर दर्ज
सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने करीब 18 साल बाद प्राथमिकी दर्ज की। जांच में कई दस्तावेजों और भूमि आवंटन से जुड़ी फाइलों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। बताया जा रहा है कि उस समय खासमहल पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार विनोद चंद्र झा को दिया गया था, इसी दौरान कथित अनियमितताएं हुईं।
हजारीबाग में फिर सुर्खियों में आया भूमि घोटाला
झारखंड में भूमि घोटाले के कई मामले पहले भी सुर्खियों में आ चुके हैं। हजारीबाग का यह मामला लंबे समय से जांच के दायरे में था। एसीबी की इस कार्रवाई को राज्य की सबसे बड़ी भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई में से एक माना जा रहा है।