रांची। झारखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने रविवार सुबह नेक्सजेन ऑटोमोबाइल्स के मालिक विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। कार्रवाई में एसीबी की टीम ने उनके आवास, शोरूम और अन्य संपत्तियों को खंगाला। यह छापेमारी हजारीबाग की वन भूमि की अवैध जमाबंदी से जुड़े मामले से संबंधित है।
एसीबी की बड़ी कार्रवाई
एसीबी ने हाल ही में नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर गैर-मजरूआ खास और जंगल-झाड़ी श्रेणी की जमीन का अवैध दाखिल-खारिज कराया। इस मामले में हजारीबाग थाना में एसीबी कांड संख्या-11/25 दर्ज किया गया है।
2013 की अवैध जमाबंदी मामला
सूत्रों के अनुसार, यह मामला वर्ष 2013 का है, जब हजारीबाग डीसी कार्यालय ने पांच प्लॉटों की अवैध जमाबंदी को रद्द कर दिया था। झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था। साथ ही, वन प्रमंडल पदाधिकारी, हजारीबाग पूर्वी ने दिसंबर 2012 में पत्र जारी कर अधिसूचित वन भूमि पर किसी भी गैर-वानिकी कार्य को भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन बताया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
एसीबी की जांच में सर्वोच्च न्यायालय के टी. गोदावरमन बनाम भारत सरकार मामले (1996) का भी उल्लेख है। इसमें साफ कहा गया था कि जंगल-झाड़ी भूमि का उपयोग गैर-वानिकी कार्यों के लिए करने से पहले भारत सरकार की अनुमति आवश्यक है।
दाखिल-खारिज में मिलीभगत
एसीबी की जांच में यह भी सामने आया है कि हजारीबाग जिला की ‘गैर मजरुआ खास किस्म जंगल’ जमीन, जो कि संरक्षित वन क्षेत्र की श्रेणी में आती है, अवैध तरीके से विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर दर्ज की गई। यह कार्रवाई उस दौरान हुई, जब विनय चौबे हजारीबाग में उपायुक्त पद पर पदस्थापित थे।
करोड़ों की सरकारी जमीन का खुलासा
जांच में करोड़ों रुपये मूल्य की वन भूमि की बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है। एसीबी का कहना है कि इस अवैध जमाबंदी में विनय सिंह को प्रत्यक्ष लाभ मिला, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।