जामताड़ा (झारखंड): देशभर में साइबर ठगी के लिए कुख्यात जामताड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने झारखंड के जामताड़ा से संचालित अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी KYC अपडेट के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों में मुजफ्फर जिलानी, आफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा शामिल हैं, जो सभी जामताड़ा जिले के निवासी हैं।
दिल्ली निवासी से ₹10.95 लाख की ठगी
साइबर सेल के मुताबिक, इस गिरोह ने दिल्ली के पालम निवासी के.सी. बर्थवाल को निशाना बनाकर ₹10.95 लाख की ठगी की। गिरोह के सदस्य एसबीआई क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बनकर कॉल करते थे और बताते थे कि उनके कार्ड से एक बड़ी राशि डेबिट हो चुकी है।
पीड़ित को KYC अपडेट करने का डर दिखाकर फिशिंग लिंक भेजा गया। जैसे ही पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया और अपनी क्रेडिट कार्ड डिटेल व ओटीपी साझा किया, कुछ ही दिनों में खाते से लाखों रुपये निकाल लिए गए।
ऐसे करते थे ठगी का संचालन
जामताड़ा के ठग बेहद संगठित तरीके से साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि गिरोह बैंक अधिकारी बनकर कॉल करता था और फिर KYC फॉर्म के नाम पर पीड़ित को फर्जी वेबसाइट लिंक भेजता था। ये लिंक डेटा चुराने वाले टूल्स से लैस होते थे, जिनके जरिए ओटीपी, कार्ड नंबर, सीवीवी और पिन तक हासिल कर लिए जाते थे।
इन जानकारियों के माध्यम से आरोपियों ने बैंक खातों से करोड़ों रुपये की निकासी की है। गिरोह के पास से मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स और डिजिटल उपकरण बरामद हुए हैं।
जामताड़ा में छापेमारी कर दबोचे गए आरोपी
ठगी की शिकायत मिलते ही दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिले की साइबर सेल टीम ने एफआईआर दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू की। टीम ने जामताड़ा में दो दिनों तक रेकी की और स्थानीय वेशभूषा में रहकर आरोपियों की गतिविधियों को ट्रैक किया।
इसके बाद मुजफ्फर जिलानी और आफताब अंसारी को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि मोहम्मद इकबाल रजा को बाद में धर दबोचा गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह गिरोह देशभर में सक्रिय था और सैकड़ों मामलों में संलिप्त पाया गया है।
KYC Scam से देशभर के लोग हुए शिकार
साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह गिरोह KYC अपडेट फ्रॉड के जरिए आम लोगों को फंसाता था। उन्हें विश्वास में लेकर संवेदनशील जानकारी हासिल की जाती थी और फिर रकम उड़ाई जाती थी। जामताड़ा से संचालित इस गिरोह की पहुंच पूरे भारत में थी।
पुलिस अब अन्य सहयोगियों और नेटवर्क की जांच में जुटी है। आरोपियों से और भी केस खुलने की संभावना जताई जा रही है। साइबर अपराध से जुड़े इन मामलों में सतर्कता और साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी है।