Giridih: झारखंड के गिरिडीह जिले में धनवार विधानसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। इस क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के करीबी रह चुके निरंजन राय चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिससे यह सीट काफी महत्वपूर्ण बन गई है। भाजपा ने निरंजन राय को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला।
“जनता के समर्थन से लड़ रहा हूं चुनाव” – निरंजन राय
निरंजन राय का कहना है कि उन्होंने चुनावी लड़ाई के लिए “सर पर कफ़न बांध लिया है।” उनका स्पष्ट कहना है कि उन्हें जेल जाने से डर नहीं है, और वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आयकर विभाग के किसी भी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हैं। उनके अनुसार, जब जनता उनके साथ है, तो किसी भी पार्टी की ताकत उनके लिए मायने नहीं रखती।
निरंजन राय ने कहा, “मुझे चुनाव लड़ाने का जिम्मा जनता ने अपने कंधों पर लिया है। जब जनता का समर्थन है, तो मुझे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मेरे पास कोई विशेष रोडमैप नहीं है, लेकिन जनता के समर्थन से मैं हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं।”
“जाति-धर्म की राजनीति पर विश्वास नहीं”
जाति और धर्म के विभाजन पर प्रतिक्रिया देते हुए निरंजन राय ने कहा कि वे ऐसे मुद्दों में यकीन नहीं रखते। उनका मानना है कि सभी धर्मों के लोग उनके भाई-बंधु हैं और वे सभी के साथ समान रूप से खड़े हैं। “मंच से ‘जय श्री राम’ का नारा दिया जा सकता है, तो मैंने एक इस्लामी नारा दे दिया, तो इसमें गलत क्या है?” निरंजन ने कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके लिए मुस्लिम समुदाय उनके अपने लोग हैं और वे उन्हें अपने से अलग नहीं मानते।
“बांग्लादेशी घुसपैठ अभियान से कोई फर्क नहीं”
भाजपा की ओर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर भी निरंजन राय ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता और वे ऐसी विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं रखते। उनका मुख्य फोकस केवल जनकल्याण और क्षेत्र का विकास है।
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