श्रीनगर, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में तीन प्रमुख राजनीतिक परिवारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस ने दशकों तक घाटी की तरक्की को बाधित किया है।
उन्होंने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में अपने संबोधन के दौरान कहा, “इन तीन खानदानों ने अपनी सियासी दुकानें चलाने के लिए कश्मीर में नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया है।
इसका खामियाजा यहां के युवाओं को भुगतना पड़ा, जो विकास की मुख्यधारा से दूर रहे।”
पीएम मोदी का दूसरा कश्मीर दौरा
पिछले छह दिनों में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा कश्मीर दौरा था। इस दौरे के दौरान वे न सिर्फ जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, बल्कि बीजेपी के उम्मीदवारों से भी मुलाकात कर रहे हैं।
कश्मीर दौरे के बाद पीएम मोदी दोपहर 3 बजे कटरा में एक और जनसभा करेंगे।
इससे पहले, 14 सितंबर को उन्होंने डोडा में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था।
चुनाव में रिकॉर्ड मतदान से कश्मीर की नई दिशा

प्रधानमंत्री ने कश्मीर में हो रही रिकॉर्ड वोटिंग को लेकर भी खुशी जताई।
18 सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर 61.13% मतदान हुआ।
चुनाव आयोग के अनुसार, किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14% और पुलवामा में सबसे कम 46.65% मतदान दर्ज किया गया।
डोडा 71.34% और रामबन 70.55% मतदान के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
राजनीतिक बदलाव की ओर बढ़ता कश्मीर
पीएम मोदी के अनुसार, यह मतदान प्रतिशत कश्मीर के लोगों की उम्मीदों और भविष्य की ओर उनके बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “कश्मीर अब नफरत की राजनीति से बाहर आकर विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।”
कटरा में पीएम की अगली सभा
श्रीनगर के बाद प्रधानमंत्री मोदी कटरा जाएंगे, जहां वे एक और बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।
उनका दौरा कश्मीर में शांति, स्थिरता और विकास के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक माना जा रहा है।
कश्मीरी युवाओं की तरक्की और भविष्य की बात
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आने वाले समय में कश्मीर के युवाओं को नई रोजगार और विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “यहां के नौजवानों को नफरत की राजनीति से बाहर निकालकर हम उन्हें एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाना चाहते हैं”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा और भाषण स्पष्ट रूप से कश्मीर में बदलाव और विकास की नई लहर को संकेत दे रहा है।
वोटिंग में लोगों की बढ़ती भागीदारी कश्मीर की राजनीति में सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है।
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