रांची | 14 अक्टूबर 2025: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी घोटाले से जुड़ी विजन और मार्शल कंपनियों से संबंधित हैं, जिनकी फर्जी बैंक गारंटी सामने आने के बाद यह पूरा मामला राज्यभर में सुर्खियों में आया था।
एसीबी ने झारखंड शराब घोटाले में की त्वरित कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, एसीबी ने इस कार्रवाई को मुंबई और गुजरात में अंजाम दिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में महेश सीडगे, जगन देसाई, कमल देसाई, शीतल देसाई और बिपिन परमार सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं। सभी आरोपी विजन कंपनी और मार्शल कंपनी से जुड़े हुए हैं, जो कथित रूप से फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत करने में संलिप्त पाए गए थे।
यह कार्रवाई झारखंड में जारी शराब वितरण घोटाला जांच का एक महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है। एसीबी ने इन सातों के विरुद्ध पिछले महीने ही कोर्ट से वारंट प्राप्त किया था और अब गिरफ्तारी के बाद उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया जा रहा है, जहां एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
विजन और मार्शल कंपनियों की भूमिका पर गहराई से जांच
एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, विजन और मार्शल कंपनियों ने झारखंड के शराब आपूर्ति एवं वितरण प्रणाली में सक्रिय भूमिका निभाई थी। जांच के दौरान इन कंपनियों की बैंक गारंटी फर्जी पाई गई, जिसके चलते करोड़ों रुपये के वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि इन कंपनियों ने ठेका प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग किया था, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। मामले की गहराई से जांच की जा रही है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
IAS अधिकारियों से लेकर कारोबारी तक आ चुके हैं गिरफ्तारी की जद में
इस मामले में पहले ही कई बड़े नाम एसीबी की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे, IAS अमित प्रकाश, छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानिया और प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के निदेशक विधु गुप्ता शामिल हैं।
हालांकि, चार्जशीट दाखिल करने में देरी के कारण अधिकांश आरोपी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। शराब घोटाला कांड संख्या 9/2025 के तहत एसीबी लगातार सबूत जुटा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा सकें।
राज्य की सबसे चर्चित भ्रष्टाचार जांचों में से एक
झारखंड का यह शराब घोटाला राज्य की सबसे बड़ी वित्तीय अनियमितताओं में गिना जा रहा है। शराब नीति 2022 के तहत निजी कंपनियों को वितरण अधिकार दिए जाने के बाद से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए थे। बाद में एसीबी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कुछ कंपनियों ने फर्जी बैंक गारंटी और गलत वित्तीय दस्तावेज़ों के आधार पर अनुबंध प्राप्त किए थे।
एसीबी का कहना है कि अब तक हुई जांच में करोड़ों रुपये के फर्जी लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। एजेंसी ने अब तक दर्जनों दस्तावेज़ जब्त किए हैं और कई अधिकारियों से पूछताछ की है।
एसीबी रांची ला रही है गिरफ्तार आरोपियों को
गिरफ्तार किए गए सभी सात आरोपियों को एसीबी टीम ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची पहुंचा रही है, जहां उन्हें एसीबी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि आगे की पूछताछ में नए नाम और साक्ष्य सामने आ सकते हैं।
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