पटना/रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहली बार बिहार की राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखते हुए पटना पहुंच गए हैं। वे यहां चल रही वोटर अधिकार यात्रा में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम को विपक्षी दलों के लिए एकता का बड़ा मंच माना जा रहा है।
पटना पहुंचने पर हुआ गर्मजोशी से स्वागत
सीएम हेमंत सोरेन के पटना आगमन पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री दीपक बिरूआ ने सोशल मीडिया पर लिखा— “जोहार बिहार… मुख्यमंत्री का यह दौरा एक नए दौर की शुरुआत करेगा।”
वोटर अधिकार यात्रा में हेमंत सोरेन की भूमिका
वोटर अधिकार यात्रा को विपक्षी एकता का ऐतिहासिक प्रदर्शन माना जा रहा है। इसमें हेमंत सोरेन की मौजूदगी न केवल इंडिया गठबंधन की मजबूती का संकेत है बल्कि इसे आने वाले चुनावी समीकरणों पर भी असर डालने वाला कदम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा से आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधने की रणनीति को बल मिलेगा।
बिहार चुनाव 2025 के लिए अहम रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए हेमंत सोरेन की सक्रियता बेहद महत्वपूर्ण है। झारखंड की तरह बिहार में भी हाशिये पर रहे समुदायों को संगठित करने में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।
उनकी मौजूदगी से गठबंधन को संगठनात्मक मजबूती और जनता के बीच भरोसे का संदेश जाने की संभावना है।
विपक्षी एकता को नई दिशा
वोटर अधिकार यात्रा में विभिन्न दलों के दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं। इसमें हेमंत सोरेन की भागीदारी विपक्ष की ओर से एकजुटता और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करने की कवायद के रूप में देखी जा रही है।
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