रांची : झारखंड की राजधानी रांची में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने लगी है। शहरभर में कचरे का उठाव रुक गया है क्योंकि घर-घर से कचरा ढोने वाले ट्रैक्टर चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से मोहल्लों और मुख्य सड़कों पर कचरे के ढेर लगने लगे हैं।
14 महीने से भुगतान न मिलने का आरोप
हड़ताल पर गए चालकों का कहना है कि उन्हें पिछले 14 महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। प्रत्येक ट्रैक्टर चालक को प्रतिमाह 20,000 रुपये मिलना तय है, लेकिन लंबे समय से बकाया राशि न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। चालकों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपनी मांगें रखीं तो नगर निगम कर्मियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और धमकी भी दी।
नगर निगम और सफाई एजेंसी को दी सूचना
नाराज ट्रैक्टर चालकों ने सामूहिक रूप से हड़ताल का फैसला किया और इसकी लिखित सूचना रांची नगर निगम और सफाई एजेंसी स्वच्छता कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दी। फिलहाल छोटी गाड़ियों से कचरे का आंशिक उठाव हो रहा है, लेकिन शहर में कचरे की मात्रा को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है।
176 ट्रैक्टरों के ठप होने से बढ़ा संकट
जानकारी के मुताबिक, रांची नगर निगम के लिए कुल 176 ट्रैक्टर कचरा उठाने का काम करते हैं। हड़ताल के चलते पूरा सिस्टम ठप हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो शहर में गंदगी से बीमारियों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ सकता है।
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