चाईबासा (झारखंड) — कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को मंगलवार को चाईबासा कोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने उन्हें 2018 में दर्ज मानहानि मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति के बाद जमानत दे दी। यह मामला उनके द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में एक जनसभा के दौरान दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान से जुड़ा हुआ है।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला: जानिए क्या था बयान
मामले की जड़ 18 नवंबर 2018 की एक चुनावी जनसभा से जुड़ी है, जब राहुल गांधी ने चाईबासा में एक रैली को संबोधित करते हुए तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित रूप से विवादित बयान दिया था। इस बयान को लेकर भाजपा नेता और स्थानीय अधिवक्ता प्रताप कुमार ने मानहानि का केस दायर किया था।
प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने अमित शाह के विरुद्ध अपमानजनक और मानहानिकारक भाषा का प्रयोग किया, जिससे न केवल उनकी, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की छवि को भी क्षति पहुँची।
कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी, मिली जमानत

चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। मंगलवार को राहुल गांधी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत मुचलके पर जमानत दे दी।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कांग्रेस के कई वरिष्ठ स्थानीय नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी की पेशी के दौरान मौजूद रहे।
राहुल गांधी पर चल रहे कानूनी मामले
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी को उनके बयानों के लिए कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ा है। इससे पूर्व भी उन्हें मानहानि से जुड़े मामलों में अदालतों में पेश होना पड़ा है। राहुल गांधी द्वारा दिए गए राजनीतिक भाषण कई बार विवादों में आ चुके हैं, और भाजपा नेताओं द्वारा इन बयानों पर आपत्ति जताई गई है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
राहुल गांधी की चाईबासा कोर्ट में पेशी और उन्हें मिली जमानत की खबर के बाद राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। झारखंड की राजनीतिक पार्टियों ने इस घटनाक्रम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया है, जबकि कांग्रेस इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला” मान रही है।
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