Ranchi News: झारखंड हाई कोर्ट ने हीनू गांधीनगर न्यू एरिया की निवासी लीलावती देवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह मामला उनके घर के सामने बने सेफ्टी टैंक को हटाने और सड़क एवं नाला निर्माण से जुड़ा था।
हाई कोर्ट का निर्णय और टिप्पणी
न्यायमूर्ति राजेश कुमार की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में निर्णय का अधिकार सक्षम न्यायालय (SDM) के पास है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब सक्षम न्यायालय के पास अधिकार है, तो सीधे रांची नगर निगम के पास जाना उचित नहीं है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
- लीलावती देवी ने एसडीएम के पास आवेदन देकर शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने उनके घर के सामने की सड़क पर सेफ्टी टैंक बना लिया है।
- सक्षम अदालत के आदेश के बाद संबंधित स्थल पर धारा 144 लगाई गई थी।
- रांची नगर निगम द्वारा स्थल निरीक्षण में पाया गया कि वहां सेफ्टी टैंक बना है, जिसे हटाने की आवश्यकता है।
- निगम ने सेफ्टी टैंक हटाने का आदेश दिया, लेकिन कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई।
हाई कोर्ट में याचिका और फैसला
प्रार्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सेफ्टी टैंक हटाने और वहां सड़क व नाला निर्माण का निर्देश देने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि प्रार्थी को रांची नगर निगम के बजाय सक्षम न्यायालय के पास जाना चाहिए था।
हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए प्रार्थी पर ₹25 लाख का जुर्माना लगाया और स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में न्याय की मांग के लिए सही मंच का चयन करना आवश्यक है।
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